मनोविज्ञान
शिक्षा मनोविज्ञान
Ø शिक्षा की भारतीय अवधारणा :- संस्कृत भाषा का शब्द शिक्ष + अ = सीखना या सीखना
Ø शाब्दिक अर्थ :-
जानना या जानकारी देना
Ø उत्पति :-
शिक्षा का वास्तविक या व्यापक अर्थ :- मोक्ष प्रदान करना
o सा: विद्या या
विमुक्तयो ( मोक्ष प्राप्त करना)
Ø भारतीय अवधारणा में शिक्षा के आतंरिक और व्यापक
पक्ष पर बल दिया गया है । वेदों मेंशिक्षा को आत्मकल्याण परमार्थ बताया
गया है।
Ø शिक्षा को मनुष्य का तीसरा नेत्र कहा
गया है ( ज्ञानं मनुजस्य तृतीयं नैत्र )
Ø शिक्षा की पाश्चात्य अवधारण :-
EDUCATION लैटिन भाषा के शब्द एजुकेटम से हुई है जिसका शब्दिक अर्थ शिक्षित करना
शिक्षा
की परिभाषा
Ø सुकरात के अनुसार:- ज्ञान
ही गुण है गुण ही ज्ञान है
Ø प्रत्येक बालक के मस्तिष्क में निहित जन्मजात
विचारो को प्रकाश में लाना ही शिक्षा है
Ø प्लेटो की
अनुसार:- शिक्षा वह प्रशिक्षण है जो बालको में अच्छी आदतों और सद्गुणों का विकास
करती है।
Ø अरस्तु के अनुसार :- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ
मस्तिष्क का निवास ही शिक्षा है
Ø शिक्षा में भारतीय परिभाषा
Ø महात्मा गाँधी के अनुसार :- शिक्षा से
मेरा अभिप्राय है शरीर मस्तिष्क और आत्मा की सर्वोतम अभिव्यक्ति हो
Ø शिक्षा
त्रिआयामी :- शरीर , मस्तिष्क , आत्मा
Ø गाँधी जी ने
शिक्षा सिद्दांत :- बुनियादी योजना ( इसे बेसिक शिक्षा या वर्धा शिक्षा योजना के
नाम से भी जाना जाता है
Ø 1937 में डा.
जाकिर हुसैन समिति द्वारा वर्धा शिक्षा योजना को विधिवत प्रस्तुत किया गया
Ø रविन्द्रनाथ ठाकुर के अनुसार :- शिक्षा वह ज्ञान
है जो हमें न केवल सूचनाएं देता है अपितु जीवन और वातावरण के साथ तादामय स्थापित
करता है।
Ø मनोविज्ञान
Ø साइकोलॉजी शब्द की उत्पति यूनानी भाषा ( ग्रीक )
के दो शब्द से हुई है
Ø साइके
/ साइकी लोगस
Ø PSYCHE LOGOS
Ø आत्मा विज्ञान
Ø शब्दिक अर्थ
: - आत्मा का विज्ञान
Ø महत्वपूर्ण
तथ्य :-
Ø मनिविज्ञान
की उत्पति यूनान से चौथी शताब्दी (400 BC) ई.पू. से हुआ
Ø प्रारम्भिक
पिता :- प्लेटो और अरस्तु
Ø मनोविज्ञान
का मूल नाम :- साइकेलोगस
Ø मनोविज्ञान
का शाब्दिक अर्थ :- आत्मा का विज्ञान
Ø मनोविज्ञान
का वास्तविक अर्थ :- व्यवहार का विज्ञान
Ø मनोविज्ञान
की जननी :- दर्शनशास्त्र
Ø आधुनिक
मनोविज्ञान के जनक :- विलियम जेम्स
Ø साइकोलॉजी
शब्द का सुझाव : रुडोल्फ़ गोयवकल 1590 ई. यूनानी ने दिया
Ø पुस्तक का
नाम साइकोलॉजीया
Ø गाल्टन
द्वारा साइकोलॉजीया को लोकप्रिय बनाया गया
मनोविज्ञान
की विकास यात्रा
1. मनोविज्ञान
आत्मा का विज्ञान है
Ø काल 400 BC से 16 वी शताब्दी तक
Ø विचारक :- ग्रीक (यूनानी) सुकरात
प्लेटो अरस्तु देकार्ते
Ø नोट:- इन विचारको के अनुसार आत्मा
शरीर का सबसे पवित्र केन्द्रीय बिंदु है अत: सभी प्रकार के विचारो की उत्पति आत्मा
से होती है।
2. मनोविज्ञान
मन ( मस्तिष्क) का विज्ञान है
Ø काल 16 वी से 17 वी शताब्दी
Ø विचारक:- रोमन विचारक
Ø नाम: - पोम्पोनाजी , थामंस, रीड, जाँन
लांक , रूसो, कान्ट हिंगल
Ø नोट :- इन विचारको ने आत्मा की अवधारणा
का खंडन करके मनोविज्ञान को मन का विज्ञान माना
3. मनोविज्ञान चेतना का विज्ञान है
Ø काल :- 17 वी 18 वी शताब्दी
Ø विचारक :- प्रकार्यवादी – संरचना
वादी विचारक
Ø नाम :- विलियम जेम्स, विलियम वुंट,
टीचनर, गालर्टन , जेम्स सिली , स्टेनली हाँल
Ø प्रकार्यवादी :- जनक विलियम जेम्स
Ø अर्थ :- इनके अनुसार प्रत्येक
मनुष्य में चेतना उसके दैहिक विज्ञान पर निर्भर करती है।
Ø संरचनावादी :- जनक :- टीचनर
Ø अर्थ :- प्रत्येक मनुष्य की चेतना
तीन तत्वों से निर्मित होती है
Ø प्रतिबिम्ब 2. संवेदना 3. फिलिंग ( भावो पर)
4. मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है
Ø जनक :- वाटसन
Ø अन्य समर्थन
:- स्किनर, क्रो- क्रो , मेकडूगल,
Ø काल :- 19 वी
शताब्दीवर्तमान तक
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