शिक्षा मनोविज्ञान
Ø अर्थ : - मनोविज्ञान की
वह शाखा जिसमें बालकों के शैक्षिक व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है।
Ø इतिहास = प्लेटो यूनानी विचारक 300 ई.पू.
Ø पुस्तक का नाम :- रिपब्लिक
Ø प्लेटो प्रथम विचारक था जिसने बालको की
शिक्षा व्यवस्था बालकों की रुचियों और योग्यताओं के आधार पर शिक्षा देने का सुझाव
दिया।
Ø शिक्षा मनोविज्ञान का
प्रारम्भिक जनक
Ø अरस्तु
:- पुस्तक का नाम :- पोलिटिक्स
Ø बालकों की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षण
विधियों का अध्ययन का अध्ययन किया
Ø जान कांमेनियस :- जर्मनी
Ø 1657 में सर्वप्रथम शिशु विद्यालयों की
स्थापना की गयी
Ø school of infency
Ø जांन लांक :- ब्रिटिश विचारक
Ø प्रकृतिवादीऔर साहचर्य्वादी शिक्षा का
विचार दिया गया
Ø रूसो :- फ्रांसिस विचारक
Ø 1772 में इनके द्वारा एमील
/एमाइल ग्रन्थ लिखा गया इसमे सोफी नामक बालिका का शिक्षा व्यवस्था का वर्णन है
Ø शिक्षा मनोविज्ञान का प्रथम
ग्रन्थ :- एमिल
Ø जाँन डिवी :- अमेरिकी विचारक
Ø इनके द्वारा सर्वप्रथम शिकागों
शहर में 1892 प्रथम शिक्षा मनोविज्ञान प्रयोगशाला की गई
Ø थार्नड़ाइक :- आधुनिक शिक्षा मनोविज्ञान के
जनक
Ø पुस्तक
:- साइकोलॉजी
Ø नोट:- 1920 में शिक्षा मनोविज्ञान को
मनोविज्ञान से अलग करके एक स्वतंत्र विषय की मान्यता
Ø शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएं
Ø क्रो और क्रो के अनुसार :- बालक के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों की
व्यवस्था कराना ही शिक्षा मनोविज्ञान है।
Ø कोलसैनिक के अनुसार :- मनोविज्ञान के
सिद्धांतो और अनुसंधानों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रयुक्त करना ही शिक्षा
मनोविज्ञान है।
Ø स्किनर के अनुसार :- शिक्षा मनोविज्ञान
मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध सिखाने व सिखने से है।
Ø शिक्षा मनोविज्ञान के घटक
·
शिक्षक
·
शिक्षार्थी ( बालक)
·
वातावरण -
भौतिक वातावरण , मानसिक वातावरण
·
शिक्षण विधियाँ
·
पाठ्यचर्या
नोट :- इन पांच घटकों में शिक्षार्थी (बालक ) सबसे
महत्वपूर्ण घटक है
Ø जाँन एडम का कथन :- विद्वान् वह नहीं है
जिसमे लैटिन पढ़ ली बल्कि विद्वान वह जिसने जाँन लैटिन (बालक) को पढ़ लिया
Ø शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति
Ø शिक्षा मनोविज्ञान को विज्ञान
और कला दोनों माना जाता हैइस विषय में सार्वभौमिक , वस्तुनिष्ठता कार्यकरण समन्ध
भविष्यवाणी की क्षमता तथा वैज्ञानिकता शिक्षण विधियों का प्रयोग होता है अत: इसे
विज्ञान मानते है
Ø शिक्षा मनोविज्ञान में बालको के शैक्षिक
व्यवहारों का अध्ययन समाज के सन्दर्भ में किया जाता है , अत: अध्ययन समाज के
सन्दर्भ किया जाता है । अत: इसे समाज विज्ञान ( सामाजिक विज्ञान ) कहते है।
शिक्षा मनोविज्ञान की शिक्षण विधियाँ
आत्मनिष्ठ वस्तुनिष्ठ
आत्मनिष्ठ
अर्थ :- इस विधि में व्यक्ति
द्वारा अपने व्यवहारों का अध्ययन स्वयं किया जाता है इसके दो प्रकार है
1. अन्तर दर्शन विधि / आत्मन
निरिक्षण विधि
2. आत्मगाथा विधि / जीवनी विधि
1. आत्मनिष्ठ विधि के समर्थन :- सुकरात प्लेटो, अरस्तु , विलियम वुंट,
गाल्टन और महात्मा गाँधी
गुण
·
सर्वाधिक प्राचीन विधि
·
आदर्शवादी विधि
·
समय एवमश्रम की बचत
·
कम खाचिर्ली विधि
·
शुद्ध परिणामों की प्राप्ति
दोष
अत्यधिक आदर्शवादी विधि
2. वस्तुनिष्ठ विधि
अर्थ :- इस विधि में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ( प्रयोगकर्ता , शिक्षक
,परीक्षक ,व्यक्ति) व्यवहार का मापन किया जाता है।
1. प्रश्नोत्तर विधि (
सुकराती विधि)
जनक :- सुकरात
इस विधि में बालक से कुछ बौद्धिक युक्त एक प्रश्न पूछा जाता है बालक
द्वारा दिए उतर के आधार पर उसके व्यवहार को मापन किया जाता है।
2. प्रश्नावली विधि
जनक :- वुडवर्थ
इस विधि में बहुत सारे बालको के व्यवहारों का अध्ययन तुलनात्मक रूप से
एक साथ किया जा सकता है इसके विभिन्न प्रकार के प्रश्नों की सहायता व्यवहार का
मापन किया जाता है।
3. जीवन इतिहास विधि
जनक :- टाइडमैंन
इस विधि को व्यक्ति इतिहास विधि या व्यक्तिवर्त जीवनविधि केस स्टडी
अर्थ :- इस विधि में व्यक्ति में स्वयं से बातचीत करके उसके परिजनों
मित्रो शिक्षकों रिश्तेदारों बातचीत करके उसकी भूतकालीन घटनाओं के आधार पर वर्तमान
व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
4. प्रयोगात्मक विधि :-
जनक :- विलियम वुंट 1879
अर्थ :- विभिन्न मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों को मनुष्य पर
प्रयुक्त करके व्यवहार का अध्ययन करना
5. निरिक्षण विधि
जनक :- वाटसन ,गेसेल
अर्थ :- मनुष्य के व्यवहार का दीर्घ काल तक अनियंत्रित परिस्तिथ्यों
में अध्ययन करके व्यवहार का पता लगाना
6. समाजमिति विधि:-
जनक :- मोरेनो
अर्थ:- इस विधि में व्यक्ति के सामाजिक गुणों के आधार पर व्यवहार का
मापन किया जाता है।
7. प्रक्षेपण विधि ( प्रक्षेपी विधि)
अर्थ :- इस विधि व्यक्ति के समक्ष कृत्रिम और उतेजक परिस्थियाँ
प्रस्तुत करके उसके अचेतन मष्तिष्क के आधार पर व्यवहार का मापन किया जाता है।
1. शब्दिक साहचर्य विधि
:- गाल्टन
2. वाक्य पूर्ति विधि
:- फाइन तथा टेनडल
3. स्याही धब्बा परिक्षण
:- हरमन रोर्शा
4. तस्वीर कुठा परिक्षण
:- रोजेंविश
8. साक्षात्कार विधि :-
जनक :- हाटशार्न ग्रा
अर्थ :- व्यक्ति को समक्ष उपस्थित करके उसकी तार्किक योग्यता बौद्धि
समता चिंतन शक्ति आदि के आधार पर व्यवहार का अध्ययन करना
Ø शिक्षा मनोविज्ञान की उपयोगिता
I. बाल केन्द्रित शिक्षा पर बल
II. छात्र व्यवहार की जानकारी
III. रुचियों पर आधारित शिक्षा
IV. व्यक्ति विभिन्नताओं को महत्व
V. नवीन शिक्षण विधियो का प्रयोग
VI. दंड एवं भय का निषेध
VII. पाठ्य सहभागी क्रियाओ को महत्व
VIII.
पाठ्य सहायक साम्रगी को महत्व
IX. बालकों के मापन एवं मूल्याकंन सहायक
X. बालको के निर्देशन एवं परामर्श सहायक
XI. बाल विकास जानकारी में सहायक
2. शिक्षकों हेतु उपयोगिता
I. आत्मज्ञान में सहायक
II. छात्रों की जानकारी में सहायक
III. शिक्षण कौशल में सहायक
IV. अनुशासन की स्थापना में सहायक
V. पाठ्यक्रम निर्माण और समय सरणी निर्माण
में सहायक
VI. सामाजिकता में वृद्धि
VII. व्यवसायिक कौशल में वृद्धि
VIII.
छात्रों की व्यक्तिगत शैक्षिक और व्यवसायिक समस्याओ का समाधान
बालकों
को उतम निर्देशन देने में सहायक
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