किशोरावस्था
महत्वपूर्ण कथन
Ø वेलेंटाइन व बी.एन.झा के अनुसार = किशोरावस्था अपराध प्रवृति के विकास नाजुक काल
है।
Ø वेलेंटाइन के अनुसार :- मनोवैज्ञानिकों के द्वारा बहुत सारी बहस किये
जाने के बाद अब यह बात सिद्ध हो गई कि किशोरावस्था शैक्षिक विकास की दृष्टि से
जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल है।
Ø क्रो – क्रो के अनुसार :- किशोर ही किसी देश के वर्तमान की शक्ति और
भविष्य की भावी आशा है।
Ø किर्कपेट्रिक के अनुसार :- किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है।
Ø रांस तथा जेम्स के अनुसार :- किशोरावस्था शैशवावस्था का प्रत्यावर्तन काल
है।
Ø जरशील्ड के अनुसार :- बाल्यावस्था से परिपक्वस्था की ओर बढ़ना ही
किशोरावस्था है।
Ø बिगे तथा हंट के अनुसार :- किशोरावस्था की सभी विशेषताओं को प्रकट करने
वाला एक मात्र शब्द है - परिवर्तन
Ø सामान्य कथन :- किशोरावस्था सुखद वर्षा
व प्रकाश की अवस्था है
Ø किशोरावस्था के सिद्धांत
Ø त्वरित विकास का सिद्धांत = स्टेनले हांल
अपनी पुस्तक ( किशोरावस्था) – स्टेनले हांल के अनुसार किशोरावस्था व बाल्यावस्था
में परस्पर कोई समन्ध नहीं होता है तथा बाल्यावस्था के तुरंत बाद अचानक त्वरित गति
छलांग मारकर किशोरावस्था आ जाती है।
Ø क्रमश: विकास का सिद्धांत :- जनक –
थार्नड़ाइक
Ø सतत विकास का सिद्धांत = जनक किंग व
हान्लिंग पुस्तक का नाम = एजुकेशन साइकोलॉजी
Ø इनके अनुसार बाल्यावस्था व किशोरावस्था
में परस्पर सम्बन्ध होता है । तथा
बाल्यावस्था के अंतिम दिनों से किशोरावस्था के लक्षण प्रकट होने लगते है।
किशोरावस्था की विशेषताएं
I. तीव्र गति से शारीरिक परिवर्तन
II. बौद्धिक विकास में अधिकता
III. अंतरमुखी प्रवृति
IV. कल्पना की अधिकता ( दिवास्पन)
V. काम प्रवृति की अधिकता
VI. विषमलिंगी आर्कषण
VII. स्थायितत्व एवं समायोजन का अभाव
VIII. चिंता व चिंतन का काल
IX. असमजंस का काल
X. सामाजिकता का विकास
XI. राष्ट्रवाद की प्रवृति की भावना
XII. अपराध प्रवृति का विकास
XIII. स्थिति एवं महत्त्व की अभिलाषा
XIV. सामाजिक स्वीकृति की अवस्था
XV. स्वंत्रता एवं विद्रोह की आयु
XVI. वीरपूजा की भावना ( आत्मीकरण / आदर्शीकरण
की प्रथा
XVII. धार्मिक चेतना का विकास
XVIII. तीव्र भावुकता का काल
XIX. संवेगों का तीव्र प्रदर्शन
XX. ललित कलाओं का विकास
XXI. यौन विकास ( स्वप्रेम = प्रजनन शक्ति का विकास
( समलैंगिग व विषमलैंगिग कामुकता
किशोरावस्था
हेतु शिक्षा
I. शारीरिक स्वास्थ्य हेतु शिक्षा
II. नैतिक शिक्षा की व्यवस्था
III. संवेगों पर नियंत्रण हेतु शिक्षा
IV. यौन शिक्षा की व्यवस्था
V. व्यक्तिगत शैक्षिक एवं व्यवसायिक
मार्गदर्शन
VI. व्यक्तिगत विभिन्ताओं पर आधारित शिक्षा
VII. रुचियों पै आधारित शिक्षा
VIII.
पुस्तकालय एवं वाचनालय की अवस्था
IX. शैक्षिक भ्रमण
X. मित्रवत व्यवहार
नोट:- सीजर लेम्बसों के अनुसार :- 90% से अधिक अपराधी जीवन का पहला अपराध
किशोरावस्था में करते है।
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