1857 की क्रांति




अध्याय 3 अंग्रेजी साम्राज्य का प्रतिकार एवं संघर्ष
                                                                        1857 की क्रांति
Ø  अंग्रेजी सरकार के 100 वर्षो के शासन के विरुद्ध प्रथम विद्रोह जो सैन्य क्रांति के रूप में शुरू हुआ
Ø  गर्वनर जनरल  = लार्ड कैनिंग
Ø  1857 की क्रांति का विद्रोह 10 मई 1857 को मेरठ छावनी में आरम्भ हुआ इसकी पहली घटना 8 सैनिकों का दिल्ली के लाल किले पर पहुँचाना थी
·        क्रांति का प्रतिक चिन्ह  = कमल और रोटी
·        क्रांति की देवी  = सुगाली माता
·        क्रांति का नारा = मारो फिरंगी
·        विद्रोह की आरम्भ की तिथि जो तय की गई थी वह 31 मई 1857 थी
Ø  प्रथम महत्वपूर्ण घटना :- 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में 34 वीं नेशनल कमान रेजीमेंट की 6 वीं कमान के एक सैनिक मंगल पांडे ने चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग करने से मना कर दिया और दो अंग्रेज अधिकारी को गोली से मौत के घाट उतार दिया
·        8 अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को फांसी दे दी गई
Ø  12 मई 1857 को क्रांतिकारियों ने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया और बहादुरशाह द्वितीय (2) को भारत का सम्राट घोषित कर दिया
Ø  1857 की क्रांति के कारण
·        राजनितिक कारण
1.  लार्ड डलहौजी की साम्राज्यवादी नीति।
2.  मुग़ल बादशाह के प्रति अंग्रेजों का दुवर्यवहार।
3.  नाना साहेब और झाँसी के साथ किया गया गलत व्यवहार।
4.  अवध को अंग्रेजी राज्य में मिलाया जाना ।
·        आर्थिक कारण
1.  भारत के संसाधनों का अत्यधिक शोषण
2.  भाड़ा रहित भूमि का पुनग्रहण
3.  शिक्षित भारतीयों के लिए उच्च सेना में प्रवेश निषेध
·        सामाजिक कारण
1.  भारतीयों के साथ बुरा व्यवहार
2.  गलत ढंग से ईसाई धर्म का प्रचार
3.  रेलवे व डाक तार व्यवस्था
·        सैनिक कारण
1.  यूरोपीय एवं भारतीय सैनिको के बीच भेदभाव नीति के कारण
2.  सैनिक अधिकारीयों का असैनिक सेवा में स्थानान्तरण करना
·        तात्कालिक कारण
1.  अंग्रेजों का धर्म में हस्तक्षेप
2.  एन्फिल्ड राइफल के लिए सूअर एवं गाय की चर्बी लगी कारतूस का प्रयोग
विद्रोह के केंद्र
विद्रोह का नेतृत्व
विद्रोह का दमन करने वाले अंग्रेज अधिकारी
दिल्ली
बहादुरशाह जफ़र 2 , बख्त खां
निकलसन, हड्सन
झाँसी
रानी लक्ष्मीबाई
जनरल हुारोज
ग्वालियर
तात्याँ टोपे
जनरल हुारोज
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कॅालिन कैम्पबेल
कानपूर
नाना साहब
कॅालिन कैम्पबेल
बिहार ( जगदीशपुर )
कुंवर सिंह
बेनविल हेमिल्टन

Ø  1857 की क्रांति असफलता के कारण
1.  विद्रोह असंगठित एवं सुनियोजित नहीं था।
2.  अधिकांश जमींदार अंग्रेजों के साथ थे।
3.  आधुनिक शिक्षा प्राप्त भारतीयों ने विद्रोह का समर्थन नहीं किया
4.  भारतीयों के संचार सुविधा का अभाव था
Ø  1857 की क्रांति का परिणाम
1.  ईस्ट इण्डिया कंपनी के शासन ब्रिटीश क्राउन के हाथों में आ गया।
2.  पेशवा के पद को समाप्त कर दिया और मुग़ल व्यवस्था के तरीको को समाप्त कर दिया
3.  सैन्य बजट बढ़ा और अंग्रेज सैनिकों को आधुनिकतम हथियारों से लैस (सुविधा)  किया गया ।
4.  गर्वनर जनरल का नाम वायसराय हो गया
Ø  डॅा. विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी पुस्तक ( भारत का स्वंत्रता समर ) वार ऑफ़ इन्डियन इंडिपेंन्डेस में इस युद्ध को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम बताया






एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ