अध्याय 7 राज्य सरकार
मुख्यमंत्री
Ø अनुच्छेद 163 में कहा गया की राज्यपाल को सहायता
और सलाह देने के लिए मंत्री परिषद होगीं। जिसका मुख्य
मुख्यमंत्री होगा ।
Ø अनुच्छेद 164 में मुख्यमंत्री की
नियुक्ति
·
संविधान
के अनुच्छेद 164 में कहा गया की मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा । इसका तात्पर्य यह नहीं है की राज्यपाल किसी भी व्यक्ति को
मुख्यमंत्री नियुक्त करने में स्वतंत्र है बल्कि राज्यपाल संसदीय व्यवस्था में
राज्यपाल, राज्य विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को ही मुख्यमंत्री नियुक्त
करता है।
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यदि
किसी दल को पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं है तब राज्यपाल स्व विवेक से मुख्यमंत्री
नियुक्त कर सकता पर उसे 1 माह के अन्दर विश्वास मत प्राप्त करने के लिए कहता है।
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राज्यपाल
अपने व्यक्तिगत फैसले द्वारा मुख्यमंत्री की नियुक्ति तब कर सकता है जब
मुख्यमंत्री की मृत्यु हो जाए और कोई उतराधिकारी तय न हो ।
Ø अनुच्छेद 164(2) के अनुसार राज्य
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधानसभा के प्रति उतरादायी होता है।
Ø अनुच्छेद 164(3) मंत्रियों की शपथ
·
कार्य
ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल अनुसूची 3 के अनुसार मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता
की शपथ दिलाता है।
Ø अनुच्छेद 164(4) मंत्रियों की योग्यता
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यदि कोई
व्यक्ति विधानमंडल का सदस्य नहीं है तो वह 6 माह तक मंत्री रह सकता है । 6 माह में उसे किसी एक सदन ( विधानसभा या विधानपरिषद ) की सदस्यता
प्राप्त करना अनिवार्य हैअन्यथा उसका पद स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
Ø मुख्यमंत्री के कार्य एवं शक्तियाँ
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राज्यपाल
मुख्यमंत्री की सिफारिश पर उन्ही लोगों को मंत्री नियुक्त करता है जिनकी सिफारिश
मुख्यमंत्री ने की है।
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वह
मंत्रियों के विभागों को आवंटन करता है एवं फेरबदल करता है ।
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मतभेद
होने पर वह किसी मंत्री को त्याग पत्र देने को कह सकता है या राज्यपाल को उसे
बर्खास्त करने की परामर्श दे सकता है ।
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वह
मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है।
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अपने
कार्य से त्याग पत्र देकर वह पूरी मंत्रिपरिषद को समाप्त कर सकता है । क्योकिं मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है अत उसके त्याग
पत्र या मौत के कारण मंत्रिपरिषद स्वत: ही विघटित हो जाती है।
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यदि
किसी मत्री का पद रिक्त है तो मुख्यमंत्री उस पद को भरे या न भरे वह उस पर निर्भर
है ।
Ø 91 वां सविंधान संशोधन अनुच्छेद
164(अ) में यह प्रावधान किया गया की राज्य मंत्रीपरिषद का आकार विधानमंडल
के आकार के 15% से अधिक नहीं होगा ।
Ø राज्यपाल के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री
के कर्तव्य
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मुख्यमंत्री
राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद के बीच संवाद का प्रमुख माध्यम है , अनुच्छेद 167 के
अनुसार राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का
उल्लेख करता है।
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वह
महत्वपूर्ण अधिकारीयों जैसे- महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोगके अध्यक्ष एवं
सदस्यों और राज्य निर्वाचन आयुक्त आदि की नियुक्ति करने के समन्ध में राज्यपाल को
परामर्श देता है।
Ø मुख्यमंत्री पद विमुक्ति ( पद से
हटाना)
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सामान्यत:
मुख्यमंत्री अपने पद पर तब तक रहता है जब तक उसे विधानसभा में विश्वास प्राप्त(
बहुमत) रहता है
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जैसे ही
बहुमत समाप्त हो जाता है उसे त्याग पत्र देना चाहिए। यदि वह त्याग पत्र नहीं देता तो राज्यपाल उसे बर्खास्त कर सकता है ।
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यदि
राज्यपाल अनुच्छेद 356 के अधीन राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दे की राज्य का शासन
संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता या राष्ट्रपति को अन्य स्त्रोतों से समाधान
हो जाए कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है
तो राष्ट्रपति मुख्यमंत्री को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता
है
Ø राजस्थान में प्रथम मुख्यमंत्री =
हीरालाल शास्त्री
Ø प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री = टीकाराम
पालीवाल
Ø सबसे ज्यादा कार्यकाल मुख्यमंत्री =
मोहनलाल सुखाड़िया
Ø वर्तमान मुख्यमंत्री = श्रीमान् अशोक
गहलोत

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